
दैनिक रुड़की (राहुल सक्सेना):::
रुड़की। लोकतांत्रिक जन मोर्चा कार्यकर्ताओं ने मूल निवास एवं स्थाई निवास प्रमाण पत्र से संबंधित नीति पर स्पष्टीकरण की मांग राष्ट्रपति से की है,इस संबंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के माध्यम से उन्हें ज्ञापन भेजा है। इसके साथ ही आरक्षण नीति में क्षेत्रीय असमानता का निराकरण एवं क्षेत्रवाद की प्रवृत्ति पर रोक की मांग ज्ञापन के माध्यम से की गई।

लोकतांत्रिक जन्म मोर्चा के संयोजक सुभाष सैनी के नेतृत्व में लोग तहसील स्थित ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेट को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन दिया। जिसमें मांग की कि उत्तराखंड राज्य गठन से ही मूल निवास और स्थाई निवास को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनी है इस विषय पर सरकार द्वारा स्पष्ट एवं सम्मान नीति घोषित की जाए। जिससे सभी नागरिकों को बिना भेदभाव समान रूप से प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सके। उन्होंने मांग की कि सरकारी नौकरियां सहित किसी भी क्षेत्र में दोनों प्रमाण पत्र के आधार पर भेदभाव ना किया जाए और 9 नवंबर सन 2000 को मूल निवास बनाने हेतु कट ऑफ डेट निश्चित किया जाए।
वही मांग की की उत्तराखंड राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर क्षेत्र के आधार पर विभाजित किया गया इससे मैदानी क्षेत्र के नागरिकों में समानता उत्पन्न हो रही है अतः आरक्षण की नीति को पुणे अलग-अलग संकलित करते हुए पूरे राज्य में समान रूप से लागू किया जाए। वही मांग की कि राज्य सरकार ने किसी भी वक्तव्य अथवा योजना में क्षेत्रवाद की भावना का कोई स्थान नहीं दिया है यदि कोई जनप्रतिनिधि अथवा लोक सेवक इसमें लिप्त पाया जाता है तो उसे पर संवैधानिक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए और संघ लोगों की सेवा आयोग करने पर कोई परीक्षाओं में भाषा की एकरूपता लाना सुनिश्चित की जाए। वहीं राज्य सरकार की योजनाओं नियुक्ति और शैक्षिक अवसरों में राज्य के प्रत्येक नागरिक के साथ समाज संवैधानिक व्यावहारिक किए जाने की मांग भी की गई।
इस अवसर पर विधायक फुरकान अहमद अनिल पुंडीर अरविंद कश्यप हेमेंद्र चौधरी शाहिद हसन आशीष सैनी अमजद आदि मौजूद रहे।
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