
दैनिक रुड़की (राहुल सक्सेना)::
रुड़की। गुरुनानक देव के 556वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष में नगर के गुरुद्वारों में गुरु ग्रन्थ साहिब का पाठ एवं शब्द कीर्तन किया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया गया। इसके बाद अटूट लंगर का आयोजन किया गया। 

गुरुद्वारा सत्संग सभा सिविल लाइंस में आयोजित कार्यक्रम में श्री गुरु नानक देव के 356 में प्रकाश पर के उपलक्ष में तीन नवंबर से शुरू हुए श्री अखंड पाठ के भोग के उपरांत कीर्तन दीवान सजाए गए। जिनमें हजूरी रागी जत्था भाई सरदार सोहन सिंह और भाई सतबीर सिंह लखनऊ वालो ने संगत को कीर्तन सुना के निहाल किया। साथ ही श्री गुरु नानक देव के बताए गए सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। अखंड पाठ समाप्ति के उपरांत अटूट लंगर बरताया गया।
नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने माथा टेकर धर्म लाभ उठाया सरदार अवतार सिंह चौधरी ने प्रकाश पर्व पर अखंड पाठ की सेवा की। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उन्हें सरोपा देकर सम्मानित किया। प्रबंधक हरमीत सिंह दुआ ने कहा कि गुरु नानक देव ने अपने पूरे जीवन काल में 'इक ओंकार' का संदेश फैलाया था जिसका अर्थ है 'एक ईश्वर'. यही सिख धर्म का मूल सिद्धांत भी है।
पूरे जीवन में गुरु नानक देव जहां भी गए, वहां उन्होंने लोगों को कोई न कोई उपदेश या सीख दी है। इन्हीं सीख से संबंधित आज हम गुरु नानक देव से जुड़ी एक कहानी के बारे में बताएंगे जो कुछ न कुछ शिक्षा देकर जाएगी।
शबद-कीर्तन के बीच श्री गुरुग्रंथ साहिब जी का फूलों से सजे पंडाल में प्रकाश किया गया।इस दौरान रागी जत्थों ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। विशेष मिष्ठान प्रसाद व गुरु का अटूट लंगर वितरित होगा।जिसमें गुरु समान जिसमें गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधक सरदार हरमीत सिंह दुआ, सरदार हरमिंदर पाल सिंह दुआ, सरदार सुरजीत सिंह बक्शी,सरदार अजीत सिंह सेठी, इंदर बधान, सरदार कुलदीप सिंह, सरदार तरंगप्रीत सिंह दुआ, सरदार रंजीत सिंह,सरदार सिमरजोत सिंह, सजल सचदेवा, उपस्थित रहे।
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