News

27-06-2025 15:09:47

मदरहुड विश्वविद्यालय ने आईसीएआरके राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान मऊ के साथ किया अनुबंध...


दैनिक रुड़की (राहुल सक्सेना):::

रुड़की। मदरहुड विश्वविद्यालय ने कृषि क्षेत्र में अनुसंधान, प्रशिक्षण और अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद के राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान, मऊ उत्तर प्रदेश के साथ एक महत्वपूर्ण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता कृषि विज्ञान विशेष रूप से बीज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार, कौशल विकास तथा साझा अनुसंधान कार्यक्रमों को नई दिशा देगा।

इस समझौते के तहत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से बीज गुणवत्ता परीक्षण, उन्नत बीज उत्पादन तकनीकों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और शोध परियोजनाओं में सहयोग करेंगे। इसके अलावा छात्रों को औद्योगिक प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और प्रायोगिक शिक्षा के लिए अवसर प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी व्यावसायिक दक्षता में वृद्धि होगी।मदरहुड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ.नरेंद्र शर्मा ने कहा कि यह साझेदारी हमारे विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर है। जिससे वे आधुनिक बीज तकनीकों को न केवल सिद्धांत रूप में बल्कि व्यवहारिक रूप में भी सीख सकेंगे।"राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान, मऊ के निदेशक ने भी इस अनुबंध को भविष्य की कृषि शिक्षा और अनुसंधान के लिए मील का पत्थर बताया।यह सहयोग कृषि और बीज प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती देगा।

जिससे किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान, मऊ के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने यह भी बताया कि यह अनुबंध उच्च शिक्षा और कृषि क्षेत्र के उन्नयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, "इस साझेदारी के माध्यम से दोनों संस्थान बीज विज्ञान, परीक्षण प्रयोगशालाओं, बीज शुद्धता मूल्यांकन, प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा अनुसंधान गतिविधियों में मिलकर काम करेंगे। इससे न केवल छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त होगा, बल्कि बीज गुणवत्ता में भी व्यापक सुधार आएगा।

उन्होंने आगे बताया कि इस सहयोग के अंतर्गत मदरहुड विश्वविद्यालय के छात्र और शोधार्थी अब मऊ स्थित बीज विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण ले सकेंगे, जिससे उन्हें आधुनिक बीज प्रौद्योगिकी, लैब आधारित परीक्षण तथा फील्ड स्तर पर बीज उत्पादन की तकनीकों की जानकारी मिलेगी।डॉ. संजय कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि यह समझौता आत्मनिर्भर भारत अभियान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को भी मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षण संस्थान और अनुसंधान केंद्र एक-दूसरे के पूरक बनकर कार्य करें ताकि कृषि क्षेत्र में वास्तविक बदलाव लाया जा सके। कृषि संकाय के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण पाल चौहान  ने बताया कि यह अनुबंध दोनों संस्थानों के बीच अनुसंधान सहयोग, व्यावसायिक प्रशिक्षण, छात्र इंटर्नशिप, और बीज गुणवत्ता मूल्यांकन जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। उन्होंने इसे विश्वविद्यालय के कृषि शिक्षा कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक कदम बताया।डॉ. कृष्णपाल ने यह भी कहा की "यह अनुबंध हमारे छात्रों को बीज तकनीकी के क्षेत्र में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने का सुनहरा अवसर देगा। साथ ही, इससे अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ेगी और हमारा विश्वविद्यालय कृषि नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकेगा।”इस अनुबंध के लिए  प्रो. (डॉ.) नरेंद्र शर्मा ने कृषि संकाय के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) कृष्ण पाल चौहान एवम् समस्त शिक्षकगणों को शुभकामनाएं दी।

Dainik Roorkee
Get In Touch

Roorkee

+91-9917800802 | 9837404445 | 9897757557

dainikroorkeenews@gmail.com

Follow Us

© Dainik Roorkee. All Rights Reserved. Design by Xcoders Technologies