दैनिक रुड़की ब्यूरो::
रुड़की। मेले सजे हैं लोगों की भीड़ आ रही है,लेकिन कार्यालय में बैठकर इन मेलों को लगाने की अनुमति देने वाले विभाग के अधिकारियों ने अब तक मौके पर जाकर यह जांच नहीं की कि मेले को मानकों के अनुरूप सजाया गया है या विपरीत। शायद किसी हादसे के इंतजार में हो।
गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं ऐसे में बच्चों को मस्ती करनी है और इसके लिए सजे है शहर में मेले लेकिन मेले में जाने से पहले यह भी देख लें कि वहां आपकी सुरक्षा के अनुसार इंतजाम भी हैं या नहीं। बात करते हैं मालवीय चौक स्थित एक इंटर कॉलेज के मैदान में सजे मेले की। इस मेले में अगर देखा जाए तो मैदान की क्षमता से करीब दो गुने से ज्यादा अधिक झूले यहां लगाए गए हैं। नियमानुसार एक झूले से दूसरे झूले के बीच होने वाली दूरी वहां नजर नहीं आती। ऐसे में किसी हादसे का खतरा हमेशा मंडराता है। मेले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की दुकानों पर घरेलू सिलेंडर रखे नजर आते हैं। खाद्य सुरक्षा की टीम भी शायद यहां जांच के लिए गई हो। इस संबंध में संबंधित क्षेत्र की कोतवाली पुलिस का कहना है कि मामले में उच्चाधिकारी ही कुछ बता सकते है। वहीं फायर सुरक्षा अधिकारी सुंदर लाल का कहना है कि काफी समय मेले की अनुमति उनके द्वारा की गई थी मानकों की जांच के लिए टीम भेजी जाएगी। वहीं एडीएम लक्ष्मी राज चौहान भी मामले में जांच करवाने की बात कहते नजर आए।
एंट्री टिकट या चरित्र प्रमाण पत्र..
मेला अगर घूमना है तो परिसर के अंदर जाने के लिए आपको सबसे पहले एक टिकट लेना होगा इसके बाद अंदर जो भी खर्च करेंगे वह अलग है। मेला आयोजक इस संबंध में कहते हैं कि असामाजिक तत्वों की रोकथाम के लिए यह टिकट है,मतलब टिकट लेने का मतलब है कि आप उसे लेते ही समाजिक बन गए और आपके चरित्र का प्रमाण पत्र मिल गया।
मेले के लिए यह होने चाहिए मानक...
मेले में झूलों के लिए कई नियम होते हैं जो सुरक्षा और संचालन से संबंधित होते हैं। इनमें झूले के फिटनेस, संचालन के लिए परमिट, बीमा और सुरक्षा मानकों का पालन करना शामिल है।
1.फिटनेस::मेले में झूलों को लगाने से पहले, उनके फिटनेस सर्टिफिकेट की जांच की जानी चाहिए। विशेषज्ञों द्वारा झूले के सभी कलपुर्जों की जांच की जानी चाहिए, झूले पर वजन रखकर चलाकर देखा जाना चाहिए, और बिजली के तारों में कट या खराबी नहीं होनी चाहिए।
2.परमिट::झूले लगाने से पहले, जिला प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक है। कुछ मामलों में, धारा 144 के तहत भी अनुमति की आवश्यकता हो सकती है।
3.बीमा::मेले की अवधि के दौरान, सभी झूले में बैठने वाले लोगों का बीमा होना चाहिए।
4.सुरक्षा::झूलों के बीच पर्याप्त गैप होना चाहिए, झूले पर सीट बैल्ट, बोर्ड आदि लगाए जाने चाहिए, और झूले के सामने हृदय रोगी और गर्भवती महिलाओं के लिए चेतावनी सूचनाएं प्रदर्शित करनी चाहिए।
5.बिजली::मेले क्षेत्र में बिजली के तार कटे-फटे, खुले या झूलते हुए नहीं होने चाहिए। भूमिगत तारों या इन्सुलेटेड तारों का उपयोग करना चाहिए।
6.वाच टावर::मेला क्षेत्र में आवश्यकतानुसार प्रमुख स्थानों पर वाच टावर बनाने चाहिए
7.अग्निशमन::आग लगने की स्थिति से बचने के लिए फायर इक्विपमेंट और मेडिकल फर्स्ट एड बॉक्स रखना अनिवार्य है।
8.सावधानी::मेले में खान-पान के दौरान बासी सामानों से बचने की सलाह दी जाती है।
9.अनुमति::झूले लगाने के लिए, आयोजक को जिला प्रशासन से अनुमति लेनी चाहिए, और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि झूलों का संचालन सभी सुरक्षा मानकों के अनुसार हो।
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