दैनिक रुड़की (योगराज पाल):::
रुड़की। राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटियाला, पंजाब के सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज इन इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन लॉ और सी० आईआपीआर के सौजन्य से एक नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जो "सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष पूर्ण" होने के अवसर पर आधारित था। इस कांफ्रेंस में भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह और साथ ही पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ से पधारे न्यायमूर्ति सुधीर सिंह, न्यायमूर्ति दीपक सिंबल, न्यायमूर्ति लिसा गिल उपस्थित रहे।
इस नेशनल कांफ्रेंस में उच्चतम न्यायालय के 75 वर्षों के ऐतिहासिक निर्णयों को संक्षिप्त में प्रस्तुत किया गया। साथ ही विद्वानों के द्वारा विभिन्न विषयों पर चिंतन और मंथन किया गया। न्यायमूर्तियों द्वारा बहुत से ऐतिहासिक निर्णय पर भी अपने - अपने विचार साझा किए गए और विषयों को स्पष्ट किया गया, न्यायिक निर्णय पर अपना दृष्टिकोण रखते हुए उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के कार्य शैली के विषय में भी बताया। इस कांफ्रेंस में मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की के कुलपति प्रो० (डॉ०) नरेंद्र शर्मा प्रतिभाग किया। इस अवसर पर प्रो शर्मा ने वहा उपस्थित सभी सम्मानित सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, कि उच्चतम न्यायालय के 75 वर्ष पूर्ण होने पर राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के द्वारा जो ज्ञान की गंगा यहां प्रवाहित की गई है वह अपने आप में एक अनूठा प्रयास है जिसके लिए वें बंधाई के पात्र हैं । इस प्रकार की सार्थक नेशनल कॉन्फ्रेंस में जो गहन चिंतन - मंथन होता है, वो समाज को नई दिशा प्रदान करता है। प्रो० (डॉ०) नरेंद्र शर्मा ने इस अवसर पर उच्चतम न्यायालय के 75 वर्षों की कार्यशैली और भूमिका की समीक्षा करतें हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा में अतुलनीय भूमिका निभायी है। न्यायिक सक्रियता का प्रयोग करतें हुए उच्चतम न्यायालय ने इन 75 वर्षों में भारतीय विधिक एवं लोकतंत्रात्मक व्यवसथा को नवीन आयाम प्रदान किया।
इस अवसर पर मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की के कुलपति प्रो० (डॉ०) नरेंद्र शर्मा ने उपस्थित न्यायमूर्तियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। नरेंद्र शर्मा ने राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० (डॉ०) जयशंकर सिंह एवं कुलसचिव श्रीमती अवनीत वालिया डीन नरेश वत्स का भी आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की के विधि संकाय के डीन प्रो (डॉ०) जेएसपी श्रीवास्तव ने भी प्रतिभाग किया।
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