दैनिक रुड़की (रियाज कुरैशी)::
रुड़की। दरगाह हजरत हाफिज मोहम्मद इस्हाक रह० अलैहि० के 75वें सालाना उर्स/मेला कुल की रस्म के साथ संपन्न हो गया। दरगाह में कुल की रस्म पर अकीदतमंदों ने केवड़े और गुलाब जल से दरगाह की दीवारों को धोया। जिससे दरगाह परिसर केवड़े और गुलाब जल की खुशबू से महक उठी। तो वहीं जायरीनों ने दरगाह में हाजिरी लगाकर अपने और अपने परिवार की सलामती और खुशहाली की दुआ मांगी। इस दौरान दरगाह में मुल्क में अमन-चैन, भाईचारे और मोहब्बत के लिए भी दुआएं मांगी गई।
बढ़ेडी राजपूतान में हजरत हाफिज मोहम्मद इस्हाक रह० अलैहि० का तीन दिवसीय सालाना उर्स का कुल शरीफ की रस्म के साथ सकुशल समापन हो गया। देर रात महफिल ए कव्वाली का आयोजन किया गया। जिसमें बाहर से कव्वालों ने सूफियाना कलाम पेश किए। इस दौरान अकीदतमंद सूफियाना कलाम पर झूम उठे। वहीं शनिवार की सुबह कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। कुल शरीफ की रस्म में दरगाह शरीफ को केवड़ा और गुलाब जल की खुशबू से महकाया गया।सैय्यद वासिफ हुसैन साबरी ने बताया कि सालाना उर्स में परंपरागत रस्मे निभाई जाती है। इन सब रसुमात में सबसे आखरी रस्म कुल शरीफ की रस्म होती है।
उर्स में शनिवार की सुबह स्थानीय अकीदतमंदो के साथ मिलकर दरगाह शरीफ को केवड़ा और गुलाब जल की खुशबू से महकाया गया। जिससे दरगाह परिसर केवड़े और गुलाब जल की खुशबू से महक उठी। और अकीदत के फूल पेश किए। उसके बाद देश की तरक्की और खुशहाली की दुआएं मांगी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में अकीदतमंद स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे।
© Dainik Roorkee. All Rights Reserved. Design by Xcoders Technologies