दैनिक रुड़की (योगराज पाल)::
रुड़की। दैनिक रुड़की द्वारा चलाई गई मुहिम का असर सामने आया है। रुड़की पुलिस ने मामले में कारवाई करते हुए छह लोगों को हिरासत में लिया है इसके साथ ही कंप्यूटर आदि भी जप्त किए गए हैं बताया गया है कि हिरासत में लिए गए लोग चारधाम जाने वाले टैक्सी चालक संचालकों से ग्रीन कार्ड के नाम पर अवैध वसूली करते थे। इस कारवाई के साथ ही दैनिक रुड़की की खबर पर सच की मोहर लगी है और हमारी विडियो को फेक बताने वालों को भी शायद कुछ सबक सीखने को मिलेगा।
रुड़की एआरटीओ कार्यालय के आसपास चार धाम पर जाने वाले टैक्सी संचालकों से तय फीस से कई गुना अधिक वसूली की शिकायत मिलने के बाद दैनिक रुड़की द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था जिसमें टैक्सी चालक और संचालकों ने स्वयं बताया था कि वह कितने पैसे ग्रीन कार्ड के नाम पर दलालों को दे रहे हैं हालांकि इस विडियो के आने के बाद भी विभागीय अधिकारी विडियो को फेक बताने पर तुले थे और इस प्रकार की कोई वसूली न होने की बात कह रहे थे। इतना ही नही विडियो आने के बाद ग्रीन कार्ड बनाने के स्थान में फेरबदल करने के साथ सरकारी रेट लिस्ट भी डिस्प्ले की गई। हमारे ही मीडिया के कुछ साथियों को साथ लेकर लगातार वीडियो को फेक बताने का काम अधिकारी करते रहे लेकिन सूत्रों की माने तो अन्य प्रदेशों से आए लोगों की जेबों पर दलाल लगातार डाका डाल रहे थे किसकी मिलीभगत से यह जांच का विषय है। वहीं आज पुलिस ने मामले में कारवाई करते हुए एआरटीओ कार्यालय के समीप छापेमारी की गई।एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल के निर्देश पर सिविल लाइंस इंस्पेक्टर आरके सकलानी द्वारा की गई इस कारवाई के दौरान छह लोगों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया इसके साथ ही कंप्यूटर और कुछ कागजात भी जप्त किए गए हैं। एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल का कहना है कि ग्रीन कार्ड के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत मिल रही थी मामले में मुकदमा दर्ज कर कारवाई की जाएगी। इस संबंध में एआरटीओ एल्विन रोक्सी से बात करने के प्रयास किए गए लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
क्यों करना पड़ा स्टिंग...
एआरटीओ कार्यालय में पहुंची दैनिक रुड़की की टीम को अवैध वसूली होते नजर आई लेकिन कोई टैक्सी चालक या संचालक कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं था उनका स्पष्ट कहना था कि उनकी रोजी रोटी चारधाम यात्रा से जुड़ी है, इसके साथ ही अक्सर वह यात्रियों को लेकर उत्तराखंड आते हैं। ऐसे में विभाग से बैर करके वह प्रदेश में यात्रा नही कर सकते इसलिए कुछ पैसे फालतू देकर कम से कम उन्हे ग्रीन कार्ड मिल जाएगा और वह अपना रोजगार कर सकेंगे। जब कोई कैमरे के सामने खुलकर बोलने की हिम्मत नही कर पा रहा था तो मजबूरी बस स्टिंग करना पड़ा। वहीं हमारी विडियो को फेक बताने वालों से हम सम्मान पूर्वक कहना चाहते हैं कि विडियो की पूर्ण जांच करवाएं जिसमें हम अपनी ओर से सहयोग के लिए उनके साथ हैं।
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